छत्तीसगढ़ के शासकीय महाविद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए आचरण संहिता सामान्य नियम छत्तीसगढ़ के शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को महाविद्यालय के नियमों का आक्षरशः पालन करना होगा। इनका पालन न करने पर वह शासन द्वारा निर्धारित दण्डात्मक कार्यवाही का भागीदार होगा।
1. विद्यार्थी शालीन वेषभूषा में महाविद्यालय मे आयेगा। किसी भी स्थिति में उसकी वेषभूषा उत्तेजक नही होना चाहिए।
2. प्रत्येक विद्यार्थी अपनापूर्ण ध्यान अध्ययन में लगायेगा। साथ ही महाविद्यालय द्वारा आयोजित पाठ्येस्तर गतिविधियों को भी पूरा सहयोग प्रदान करेगा।
3. महाविद्यालय परिसर में वह शालीन व्यवहार करेगा,अभद्र व्यवहार, असंसदीय भाषा का प्रयोग, गाली गलौच, मारपीट या आग्रेय अस्त्रों का प्रयोग नही करना।
4. प्रत्येक विद्यार्थी अपने शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों से नम्रता एवं भद्रता का व्यवहार करेगा।
5. महाविद्यालय परिसर को स्वच्छ बनाये रखना प्रत्येक विद्यार्थी का नैतिक कर्तव्य हैं, वह सरल निव्र्यसन और मितव्ययी जीवन निर्वाह करेगा।
6. महाविद्यालय तथा छात्रावास की सीमाओं में किसी भी प्रकार के मादक पदार्थो का सेवन वर्जित होगा।
7. महाविद्यालय में इधर-उधर थूकना, दीवालों को गंदी बाते लिखना सख्त मना है। विद्यार्थी की असामाजिक तथा आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाये जाने पर कठोर कार्यवाही की जावेगी।
8. वह अपनी मांगों का प्रदर्शन आंदोलन हिंसा या आंतक फैलाकर नही करेगा। विद्यार्थी अपने आप को दलगत राजनिति से दूर रहेगा तथा अपनी मांगो को मनवाने के लिए राजनितिक दलो, कार्यकताओं अथवा समाचार प़त्रों का सहारा नही लेगा।
9. महाविद्यालय परिसर में मोबाईल का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा।
• प्रत्येक विषय में विद्यार्थी की 75 प्रतिश त उपस्थिति अनिवार्य होगी तथा यह एन.सी.सी. /एन.एस.एस.में भी लागू होगी अन्यथा उन्हें वार्शिक परीक्षा में बैठने की पात्रता नहीं होगी ।
• विद्यार्थी प्रयोगशाला में उपकरणों का उपयोग सावधानी पूर्वक करेंगे । उनकों स्वच्छ रखेंगे ।
• ग्रंथालय द्वारा स्थापित नियमों का पूर्णतः पालन करेंगे , उन्हें निर्धारित संख्या में सही पुस्तकें, प्राप्त होगी तथा समय से नहीं लौटने पर निर्धारित दण्ड देना होगा ।
• अध्ययन से सम्बन्धित किसी भी कठिनाई के समाधान लिये वह गुरूजनों के समक्श अथवा प्राचार्य के समक्ष शातिपूर्वक ढंग से अभ्यावेदन प्रस्तुत करेंगे ।
• व्याख्यान कक्षों , प्रयोगशालाओं या वाचनालय में पंखे, लाईट, फर्नीचर, इलेक्ट्रिक फिटिंग आदि का तोड़फोड़ करना दण्डात्मक आचरण माना जायेगा ।
• विद्यार्थी को सत्र के दौरान होने वाली सभी इकाई परीक्षाओं, त्रैमासिक तथा अर्द्धवार्शिक परीक्षाओं में सम्मिलित होना अनिवार्य है ।
• अस्वस्थतावश आंतरिक परीक्षाओं में सम्मिलित न होने की स्थिति में विद्यार्थी शासकीय चिकित्सक से मेडिकल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करेंगे तथा स्वस्थ होने के उपरांत परीक्षा देंगे ।
• परीक्षा में या उसके सम्बंध में किसी प्रकार के अनुचित लाभ होने या अनुचित साधनों का प्रयोग करने का प्रयत्न गंभीर दुराचरण माना जायेगा । जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी ।
• यदि छात्र अनैतिकता मूलक या गंभीर अपराध में अभियुक्त पाया गया तो उसका प्रवेष तत्काल निरस्त कर दिया जायेगा ।
• यदि छात्र रैगिंग में लिप्त पाया गया तो छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थानों में प्रताड़ना प्रतिषेध अधिनियम, 2001 के अनुसार रैगिंग किये जाने पर अथवा रैगिंग के लिये प्रेरित करने पर पांच साल तक कारावास की सजा या पांच हजार रूपये जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है ।
• यदि विद्यार्थी समय-सीमा में शुल्क का भुगतान नहीं करते तो उनका नाम काट दिया जायेगा ।
• यदि विद्यार्थी प्रार्थना पत्र अथवा आवेदन में तथ्यों को छिपायेगा अथवा गलत प्रस्तुत करेगा तो उसका प्रवेश निरस्त कर उन्हें महाविद्यालय से पृथक कर दिया जायेगा ।
• महाविद्यालय में प्रवेष लेने हेतु विद्यार्थी द्वारा प्रस्तुत किये गये आवेदन पत्र में उनके पालक अभिभावक का घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है ।
यदि कोई छात्र मध्य सत्र में संस्था त्यागने और दूसरी संस्था में प्रवेश लेने की इच्छा करता है तो उसे विश्वविद्यालय अधिनियमानुसार निम्न कार्यवाही पूरी करनी होगी।
• संस्था त्यागने के उद्देश्य की लिखित सूचना करनी होगी।
• समस्त शुल्कों को जमा करना होगा।
• उक्त सम्पूर्ण सत्र का पूर्ण शुल्क उसे महाविद्यालय को देना पड़ेगा।