Shahid Domeshwar Sahu Government College

Jamgaon (R) Bharar Dist. - Durg (C.G.) 491223

(Affiliated By - Hemchand Yadav Vishwavidyalaya, Durg)

ANTI RAGGING COMMITTEE

रैगिंग एवं दण्ड

रैगिंग की त्रासदायी प्रताड़ना को स्थायी रूप से रोका जा सके इसलिए महामहिम राज्यपाल के द्वारा 1 सितम्बर 2001 को छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थाओं में प्रताड़ना (रैगिंग का प्रतिषेध) अध्यादेश 2001 में जरी किया गया है I इस अध्यादेश के द्वारा रैगिंग को सज्ञेय तथा गैर – जमानती अपराध माना गया है I अध्यादेश में रैगिंग को निम्नानुसार परिभाषित किया गया है I

क. रैगिंग से अभिप्रेत है किसी छात्र / छात्रा को मजाकपूर्ण व्यवहार से अन्य प्रकार से ऐसा कृत्य करने के लिए उत्प्रेरित , बाध्य या मजबूर करना, जिससे उसके मानवीय मूल्यों का हनन या उसके व्यक्तिगत का अपमान या उपहास अभिदर्शित हो, या उसे अभित्रास, सदोष अवरोध , सदोष परिरोध या क्षति, या उस पर आपराधिक बल का अभित्रास देते हुये किसी कार्य से प्रविरत करता हो रैगिंग का अपराध सिद्ध पाए जाने पर न्यायालय द्वारा दोषी छात्र / छात्राओं को पांच वर्ष दे कारावास की सजा डी जा सकती है तथा उसे संस्था से निष्कासित किया जा सकेगा ऐसे छात्र / छात्रा को किसी भी शिक्षण संस्था में तीन वर्ष की अवधि तक प्रवेश से वंचित भी किया जा सकेगा I इस अध्यादेश के अंतर्गत प्रताड़ना का प्रकरण अन्वेषण या विचारण लंबित होने पर शिक्षण संस्था के प्रधान दे द्वारा अभियुक्त छात्र / छात्रा को निलंबित करने तथा शैक्षणिक संस्था परिसर तथा उसके छात्रावास में प्रवेश से वंचित करने का भी प्रावधान है I प्रत्येक विद्यार्थी को रैंगिंग में भाग लेने संबंधी एक वचन पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा I इन वचन पत्र में छात्रों के अभिभावक के भी हस्ताक्षर होंगें I

ख. रैगिंग के अंतर्गत :- कोलाहलपूर्ण अनुचित व्यवहार करना, चिढ़ना भद्दे या अशिष्ट आचरण करना, उपद्रवी एवं अनुशासनहीन क्रिया-कलाप में संलग्न होना, जिससे नए छात्रों को गुस्सा अनावश्यक परेशानी, शारीरिक अथवा मानसिक क्षति हो, अथवा उसमें आशंका या भय बढ़ाने वाला हो, अथवा छात्रों से ऐसा कार्य करने के लिये कहना, जो छात्र / छात्रा सामान्यतः नहीं क्र सकता / सकती है और जिससे उसे शर्म या अपमान का अवुभाव होता हो, अथवा उसके जीवन के लिए खतरा हो I

ग. छत्तीसगढ़ शासन शैक्षणिक संस्थाओं में रैगिंग अधिनियम 2001 कर्नाटक शिक्षा अधिनियम 1883 कर्नाटक अधिनियम नंबर 1,1995 अनुच्छेद 2 (29) के अनुसार रैगिंग की परिभाषा इस प्रकार है :-

घ. “ किसी छात्र को मजाक में या अन्य किसी प्रकार से ऐसा कार्य करने के लिए कहना, प्रेरित करना या बाध्य करना जो मानव – मर्यादा के खिलाफ हो या उसके व्यक्तिगत के विपरीत हो या जिससे वह हास्यास्प्रद हो जाये या डरा – धमकाकर गलत ढंग से रोक कर गलत ढंग से बंद करके या चोट पहुंचाकर या उस पर अनुचित दबाव डालकर या उसे इस प्रकार की धमकी, गलत ढंग से बंदी बनाने, चोट या अनुचित दबाव का भय दिखाकर वैधानिक कार्य करने से मना करना “

ङ. रैगिंग का स्वरुप :- रैगिंग निम्नांकित रूपों (सूची केवल निर्देशात्मक है संपूर्ण नहीं ) में नहीं पाई जाति है :- कामुक संकेतार्थ वाले कार्य समलैगिक कार्य सहित करने के लिए बाध्य करना ऐसे कार्य कराने के लिए बाध्य करना जिससे शारीरिक क्षति, मानसिक पीड़ा या मृत्यु तक हो सकती है I नंगा करना, चुम्बन लेना, आदि अन्य अश्लितायें करना I
उपर्युक्त से यह विदित होता है कि प्रथम पांच को छोड़कर अधिकतर रैगिंग के विकृत रूपों से युक्त है I
नोट :- उपसचिव, उच्चशिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन रायपुर के विज्ञापन क्र. / 15 / 2009 / 39 – 1 रायपुर दिनांक 30.08.2009 के निर्देशानुसार महाविद्यालय में एंटी रैगिंग तथा एंटी रैगिंग सेल का गठन किया गया है I



स्पष्ट आदेश रैगिंग में लिप्त होने दिए जाने वाले दण्ड
1. सीनियर छात्रों को सर कहने के लिए I
2. सामूहिक कवायद करने के लिए I
3. सीनियरों को क्लास – नोट्स उतारने के लिए I
4. अनेक सौंपे हुये कार्य करने के लिए I
5. सीनियरों के लिए भुत्योचित कार्य कराने के लिए I
6. अश्लील प्रश्न पूछने या उत्तर देने के लिए I
7. नए छात्रों को अपने सीधेपन के विपरीत आघात पहुँचाने हेतु अश्लील चित्रों को देखने के लिए शराब उबलती हुई चाय आदि पीने के लिए बाध्य I
1. प्रवेश निरस्त किया जाना I
2. छात्रवृत्ति अथवा अन्य सुविधा रोकना I
3. कक्षा / छात्रावास से निष्कासित किया जाना I
4. परीक्षाओं से वंचित करना I
5. परीक्षा परिणाम रोकना I
6. राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय तथा युवा उत्सव में भाग लेने पर प्रतिबंध I
7. संस्था से रेस्टिकेट / निकाल किया जाना I
8. आर्थिक दण्ड रु. 25000.00 तक I

एंटी रैगिंग एवं आंतरिक शिकायत समिति

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श्री आबिद हसन खान (सहायक प्राध्यापक) समन्वयक
डॉ. नरेशधर दीवान (क्रीड़ा अधिकारी ) सदस्य
श्री एश्वर्य सिंह ठाकुर (सहायक प्राध्यापक) सदस्य
डॉ. हेमा कुलकर्णी (सहायक प्राध्यापक) सदस्य
श्रीमती चेतना सोनी (सहायक प्राध्यापक) सदस्य
डॉ. संतोष कुमार पाण्डेय (सहायक प्राध्यापक) सदस्य
डॉ. अरुणेन्द्र कुमार तिवारी (सहायक प्राध्यापक) सदस्य
श्री कृष्ण कुमार देवांगन (सहायक प्राध्यापक) सदस्य
श्री मनोज कुमार (सहायक प्राध्यापक) सदस्य
श्री मुकेश कुमार कठौतिया (ग्रंथपाल) सदस्य

Anti Ragging Form

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